क्या लिखूं ..?

बहुत दिनों से ब्लॉग पे कुछ लिखा नही ...मन तो बहुत करता है ब्लॉग लिखने और पढने का ..मगर कुछ अपनी परेशानियां हैं ...खैर ..परेशानियां तो लगी ही रहती हैं ...मगर इंसान जीना तो नही छोड़ता ना ....आज ब्लॉग खोला हूँ इस उम्मीद से किआज कुछ लिख पाउँगा ...मन में कई भाव उठा रहे हैं ...कहाँ से शुरू करूँ समझ में नही आ रहा ....मन की बात लिखूं या ज़माने की ......ये भी क्या बात हुई मन और ज़माना अलग -अलग हैं क्या ...?...दोनों तो एक -दुसरे से जुड़े हुए ही है ...मन ज़माने को प्रभावित करता है ..और ज़माना मन को...वो कहते हैं ना कि मन चंगा तो कठौती में गंगा...बाकी आगे सब साफ़ है ...कहने की ज़रूरत नही ...!...देखिये लिखते -लिखते लिखने का विषय मिल गया ...बिहार ...अपने बिहार के बारे में कुछ लिखने का मन कर रहा है ....सुना है बिहार बहुत तेज़ी से तरक्की कर रहा है ...जो लोग भी बिहार से आते हैं ..उनका कहना है कि बिहार का बहार ही कुछ और है ...हर तरफ़ विकास का माहौल बना है ....दूर -दूर तक चौडी सड़कें ...बड़े-बड़े पुल ....बहुत सारे लोगों को नौकरी ....ये सब सुन मन खुशी से नाच उठता है .....

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