जीवन क्या है ? ये सवाल अक्सर मेरे मन में उठता रहता है ..आज भी एक बार सामने खड़ा हो गया है !...जिसका उत्तर मुझे कार्ल मार्क्स के एक वाक्य में मिल गया है ...मार्क्स ने लिखा है - जीवन एक संघर्ष है !..ये वाक्य बहुत पहले ही मैंने पढ़ा है ..मगर मतलब बहुत दिनों बाद समझ पाया हूँ..सच ही तोह कहा मार्क्स ने ...जीवन संघर्ष ही तो है -जीवन और मृत्यु के बीच का संघर्ष , सच और झूठ का संघर्ष , ज्ञान और अज्ञानता का संघर्ष , विज्ञान और अन्धविश्वास का संघर्ष ,प्यार और घृणा का संघर्ष , अमीरी और गरीबी का संघर्ष ..सफलता और असफलता का संघर्ष ..........