शाम के गीत

आग जल रही है
तबा गर्म है
रोटी फूल रही है
माँ रोटी बेल रही है
उसकी चूड़ियाँ बज रही हैं...
आग रोटी माँ और चूड़ियाँ मिलकर
गा रहे हैं शाम के गीत.....

कुम्हार ने चाक पर मिट्टी चढा रखी है
उसके हाथ मिट्टी पर लगते ही
घड़ा आकार लेने लगता है ...
स्कूल से लौटते बच्चों ने उसे घेर रखा है ...
घूमते चाक कुम्हार के सधे हाथ
और बच्चों की उत्सुकता ने
पकड़ रखी है एक लय
कुम्हार चाक और बच्चे मिलकर
गा रहे हैं
शाम के गीत......

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